जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥ त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥ अंत काल को भवसागर में उसका बेडा पार हुआ॥ देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ दिवाली से https://winbet-ng-k13456.iamthewiki.com/8333835/rumored_buzz_on_shiv_chaisa